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कुछ नियम शाश्वत होते हैँ, कुछ परिवर्तनशील
शाश्वत नियम किसी विशेष के मियम अनुसार नहीं चलते
यह हमेशा हर काल में स्थाई होते हैँ
कोई स्वनिर्मित नियम को जब स्वघोषित तौर पर शाश्वत ठहराता है' टकराव तब होता है !
शाश्वत के सामने सारे नियम धरे रह जाते हैँ,
'स्थाई के आगे अस्थाई जैसे'
..
शाश्वत नियम ईश्वर और प्रकृति तय करती है'
आम और आधारभूत तौर पर;
स्वनिर्मित नियम कोई इंडिविजुअल, इंसान, समूह, व्यवस्था वगैरह ।
ईश्वर और प्रकृति के स्थाई नियमों के आगे इंडिविजुअल, इंसान, व्यवस्था वगैरह के अस्थाई नियमों को तो हारना ही होता है !
ईश्वर और प्रकृति के नियमों के आगे इंडिविजुअल, इंसान, समुह, व्यवस्था वगैरह के नियमों को तो हारना ही होता है ।।
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