Wednesday, 2 April 2025

*THE GREAT GOD @ TG/THEGOD/THEGREATGOD* @ DISCLAIMER

'ईश्वर !
'ईश्वर !' की अवधारणा पर आधारित इस रचना का आरंभ एक नई विधा अब के द्वारा हुआ है । 
इसमे भाषा और कला के प्रचलित मानकों के साथ व इतर एक नई शैली का अवतरण हुआ है जो इससे पहले कभी किसी रूप में कभी  भी कहीं भी नहीं हुआ और इसी के साथ इस शैली का भी जन्म हो गया है !
अब
अब एक स्वतंत्र एक फ्रीलांस विधा है । इसका प्रथम नियम यह है कि इसमे नियम की कोई पाबंदी नहीं है । यह प्रचलित और परंपरागत प्रणाली का समर्थन करता है मगर उसके सीमित दायरे में रहकर संचालन करने के सीमित दायरे का समर्थन नहीं करता’ इसके लिए बनाम इसलिए भाषा और कला की स्वतंत्र विधा का सूत्रपात करता है । अतः इससे या इस संदर्भ में यह प्रश्न उठने का सवाल ही पैदा नहीं होता कि इसमे या इसके अवतरण में भाषा अथवा कला के स्तर पर फलां-फलां त्रुटियां हैं - क्योंकि  इसमे भी लोमहर्षक बात तो यह है कि कोई भी प्रयोग आविष्कार का रूप तभी लेता है जब वह बनी-बनाई परिपाटी का उल्लंघन करता है, तोड़ता है ...। इन त्रुटियों के कारण ही तो कोई भी प्रयोग आविष्कार का रूप लेता है बनाम इसी तर्ज पर तमाम प्रचलन में चल रही विधाओं के बीच एक नई विधा के रूप में अब ने जन्म लिया है !! 

अब में कई सारे तत्व और गुण हैं जो इस रचना के प्रारूप के साथ स्पष्ट होते जाएंगे । अब की नियमावली का समुचित वर्णन करने से इसके रोमांच पर असर पड़ सकता है । तथापि समझने के लिए इतना काफी है कि जहां भी भाषा अथवा कला वगैरह की किसी भी प्रचलित परिपाटी से इतर कुछ वर्णित या लिखित है अथवा किसी प्रचलित नियम वगैरह का उल्लंघन है, एवं प्रचलित शैली व अंदाज से परे कहीं भी कुछ भी हुआ है वहां अब ने अपने कदम रखे हैं व अपना अवतरण किया है ! 
अब भाषा और कला का संगम एवं नव अवतरण है ।।

तिथि: तिथि का अर्थ उस तिथि से है जिस तिथि को रचना प्रकाशित हुई ।
स्थिति: स्थिति का अर्थ उस स्थिति से है कि उस तिथि तक रचना की स्थिति किस स्थिति में है तथा वह उस तिथि तक कितनी बार अपडेट और अपग्रेड हुई है ।

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