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FROM
TG/THE GOD/THE GREAT GOD
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शब्द के संस्करण जितने सरल और सतही लग रहे हैँ, यह उतने ही प्रबल और सार्थक हैँ ..
इनकी जडें जमीन से जुड़ी हुई हैँ ..
और इस कदर जुड़ी हुई हैँ कि वो आम जीवन का हिस्सा बन गई हैँ' दिनचर्या बन गई हैँ ..
इसलिए
पहले हमारी आदत फिर संस्कार बन गई हैँ !
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हमारे अस्तित्व से इस कदर घुल मिल गई हैँ चिपक गई हैँ कि हम अपने मुलभूत अस्तित्व और इसमें अंतर नहीं कर पाते ..
अंतर
अंतर का अर्थ विवेध नहीं प्रकार होता है ..
मतलब
स्वयं का और इनका प्रकारन्तर नहीं समझ पाते !
..
ऐसी समझ मारी जाती है कि समझ नहीं पाते ..
मूल और मिश्रण
सत्य और असत्य
सही और गलत
का
फ़र्क़ !
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