🌟🌟🌟🕉️🌟🌟🌟
हम
अपने कर्म क्रिया गुण धर्म व्यवस्था ज्ञान वगैरह
से
सूचना देते हैँ कि
क्या करना चाहिए
क्या सही है क्या गलत !
सूचना
वर्तमान को
भविस्य को ।
हम
किसी भी कीमत पर गलत को सही नहीं ठहरा सकते,
विविध नजरिए के नाम पर भी नहीं
ज्ञान के नाम पर भी नहीं
सत्य के नाम पर भी नहीं'
क्योंकि
गलत को सही कहना या करना
सत्य और ज्ञान तक का पैमाना नहीं हो सकता,
क्योंकि / चुंकि
कर्ता
इन सब उपरोक्त के हम ही होते हैँ;
इसलिए
यह हमारा ही उत्तर-दायित्व बनता है'
कि
सही को सही कहें
सही को सही रखें ।।
🌟🌟🌟🕉️🌟🌟🌟
No comments:
Post a Comment